मुख का कैंसर

कैंसर एक प्रकार की बीमारी है, ये कई प्रकार की होती है। जैसे कि मुख में कैंसर होना, गले में कैंसर होना, पेट में कैंसर होना अथवा कान में कैंसर निम्नलिखित है। हम यहाँ मुख के कैंसर के बारे में बात करेंगे। ओरल कैंसर या मुँह में होने वाला कैंसर साथ ही इसे मौखिक कैंसर भी कहा जाता है।

तो चलिए आज के इस लेख में हम मुख के कैंसर या ओरल कैंसर की इस समस्या के बारे में बात करेंगे और इसके कारण, लक्षण और प्रकारों पर भी चर्चा करेंगे।

ओरल कैंसर क्या है?

ओरल कैंसर भारत में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है, अगर एक अनुमान लगाया जाये तो दुनिआ भर में हर साल करीब 50 लाख लोग ओरल कैंसर का शिकार होते है। जिसमे कि भारत में सबसे अधिक होते है। इसके लिए भारत में डेन्टल कॉलेज भी खुले हुए है। मुख का कैंसर तम्बाकू, पान-मसाला से होता है। वे नहीं जानते कि किस जानलेवा बीमारी को न्यौता दे रहे है।

आज़ादी के बाद के समय दाँतों की बीमारियों का प्रकोप 50 से 60 प्रतिशत था, जो आज 90 प्रतिशत से बढ़कर 95 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। इसलिए देश भर में बहुत सारे डेंटल कॉलेज खुल चुके है। पहले के मुकाबले आज लोगो में जिज्ञासा जाग चुकी है। अगर आप अपने आस पास देखोगे तो ज्यादातर युवा पान मसाले अथवा तम्बाकू का सेवन कर रहा है।

जो कि देश हित के लिए किसी भी प्रकार से ठीक नहीं है। सरकार को इसके प्रति सख्त कदम उठाने चाहिए, नहीं तो ये कैंसर की प्रतिशत साल दर साल बढ़ती जाएगी। यदि ओरल कैंसर का पता अगर शुरुआती अवस्था में लग जाता है तो इसका इलाज बहुत आसानी से हो सकता है किंतु शुरुआत में इसका पता लगाना बहुत कठिन है, इसी लिए सभी लोगो को इसके बारे में जान लेना चाहिए।

मुख के कैंसर में होंठ, गाल, जीभ अथवा मुँह की ग्रंथिया शामिल है। एरिथोपालकिया आम का एक ऐसा घाव है जिससे बहुत जल्दी ओरल कैंसर में बदलने की संभावना रहती है। अधिकतर 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को सबसे ज्यादा जोखिम होता है। आज हम ओरल कैंसर के लक्षण और इसके होने वाले कारणों को विस्तार पूर्वक जानेंगे।

मुख के कैंसर का कारण

  1. मुख में छाला या गठान जो लंबे समय से ठीक नहीं हो रही हो :- तम्बाकू अथवा पानमसालो से मुख में छाला पड़ जाता है और इससे गाल के अंदर की कोमल त्वचा कट जाती है जिससे कि मुख के अंदर छाला पड़ जाता है। गठान भी तम्बाकू के सेवन से ही बन जाती है। जिससे कि मरीज को बहुत दिक्कत होती है, इसीलिए अगर मुख में छाला होजाता है तो हमे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए
  2. बिना किसी कारण मुंह से खून बहना :- अगर आपके मुँह से अचानक खून बहने लगे तो ये भी एक मुख के कैंसर का कारण है।  
  3. मुंह में धब्बा पड़ना :- अगर आपके मुख में सफ़ेद या लाल रंग  के धब्बा पड़ने लगे तो आप समजले कि यह भी एक कैंसर का कारण है, आपको तुरंत चिकित्सीय से संपर्क करना चाहिए।  
  4. बेवजह चेहरे की किसी हिस्से में दर्द :- चेहरे के किसी भी हिस्से में बेवजह दर्द होना भी एक मुख कैंसर का कारण है।
  5. घबराहट और आवाज़ में परिवर्तन :- अगर आपको अचानक से घबराहट हो तो जान ले कि  ये भी एक मुख कैंसर का कारण है।  
  6. दांतो के आकर में परिवर्तन :- अगर आपके दांतो के आकर में बे-वजह परिवर्तन हो तो समझ लें कि यह भी एक ओरल कैंसर का कारण होता है।  
  7. गर्दन में गांठ पड़ना :- बहुत से लोगो को लगता है कि उनके गले में गांठ पढ़ गई है, ऐसा लगने पर आपको तुरंत चिकित्सीय से संपर्क करना चाहिए।
  8. जीभ हिल-ने में कठिनाई  का अनुभव करना :- यदि आप को भोजन निगलने में कठिनाई या जीभ को हिलाने में तकलीफ हो रही हो तो ये भी एक मुख के कैंसर का कारण होता  है।
  9. वज़न घटना :- कुछ लोगो को वज़न का घटना भी महसूस होता है, यह भी एक प्रकार का मुख कैंसर का कारण है।
  10. गले के पिछले हिस्से में कुछ फंसा हुआ सा लगना :- जिसको ओरल कैंसर होता है उसे गले के पिछले हिस्से में दर्द होता है और लगता है की कुछ फसा हुआ हो।
  11. कान में दर्द :- अगर कान में अचानक से दर्द हो रहा हो-तो उसे नजर अंदाज़ मत करो तुरंत उसे चिकित्सीय से संपर्क करना चाहिए यह भी एक मुख के कैंसर का कारण होता है।

मुख का कैंसर की पहली स्टेज

तम्बाकू और पानमसाले में विभिन्न प्रकार के केमिकल मिलाये जाते है, जिनसे मुँह की स्थिति ख़राब हो जाती है। पहली स्टेज में फाइब्रोसिस का शिकार हो जाता है। यह स्थिति पहली स्टेज की होती है, इस स्थिति में मरीज़ का उपचार संभव है। फाइब्रोसिस के लक्षण यह होते है  कि मुँह के भीतर कुछ सफ़ेद और लाल रंग के स्पॉट आ जाते है, फिर मुख में जलन होने लगती है। ऐसे में ज़रुरी है की मरीज़ तम्बाकू खाना बंद कर दे।

मुख का कैंसर की आखिरी स्टेज

मनुष्य मुख की रक्षा और इलाज के लिए अधिक गंभीरता नहीं बरतता लेकिन दूसरी बिमारिओ के लिए तुरंत डॉक्टर के पास चला जाता है। ज्यादातर लोग मुख के कैंसर की लास्ट स्टेज पर ही डॉक्टर के पास जाते है, इसलिए प्राइमरी स्टेज पर अपनी जांच करने के लिए लोगो का प्रतिशत 1 या 2 ही है।

हमारी पहली राय है कि आप तम्बाकू तुरंत छोड़ दें। और जो लोग तम्बाकू कहते है वे लोग नियमित चेक-अप करवाए इसे पता चलता रहेगा की कही आपको ओरल कैंसर तो नहीं है।?

मुख के कैंसर का ऑपरेशन

तम्बाकू खाने वालो को पता होना चाहिए कि, मुख के कैंसर का ऑपरेशन बहुत ही महँगा होता है इसलिए इसे हर कोई भी नहीं करा सकता। इसके ऑपरेशन में लगभग एक लाख से भी ज्यादा पैसा लगता है और इसके बाद दूसरे खर्चे जैसे की कीमोथेरेपी आदि, यहाँ तक कि मुख के कैंसर का ऑपरेशन के बाद भी यह संका बनी रहती है की यह बीमारी फिर से उभर नहीं आये। और इसमें ऑपरेशन के बाद मरीज़ का चेहरा बिगाड़ जाता है।

मुख के कैंसर से बचने के उपाय

मुख कैंसर से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि तम्बाकू का सेवन तुरंत बंद कर  दिया जाए। और अगर इसके बावजूद भी तम्बाकू का सेवन जारी रहता है तो आप अपना नियमित चेकअप करवाए और डॉक्टर की सलाह लें। मनुष्य को नहीं भूलना चाहिए कि उसका जीवन अमूल्य है और आपकी जिंदगी परिवार के लिए ज़रुरी है।   

निष्कर्ष

हमने ऊपर जाना कि कैंसर जैसी बीमारी शरीर के लिए बहुत ही खतरनाक होती है, तम्बाकू, पानमसाले से हमे बचाना चाहिए और इसके खिलाफ़ सरकार को अपील करनी चाहिए। ताकि हम अपने देश को तम्बाकू मुक्त  भारत देश बना सकें। तम्बाकू और पानमसाले से मनुष्य को बचना चाहिए। इससे यह पता चलता है कि कैंसर एक प्रकार की जानलेवा बीमारी है, अगर ये बीमारी का किसी को पता चलता है तो वो शुरुआत में ही इसका इलाज करा लेना चाहिए।    

   


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