दिवाली का त्यौहार मतलब ढेर सारी मिठाइयां और पकवान खाने का अवसर? क्यों आ गया न आपके मुँह में भी पानी? जी हाँ, यह पर्व ही ऐसा है की मिठाइयों और विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट भोजन की बात आते ही सबके मुँह में पानी आने लगता है, और आये भी क्यों नहीं? यह त्यौहार ही तो है, जब सभी के घर में नए-नए किस्म के जायकेदार और लजीज पकवान बनाने का अवसर मिलता है, और इन्हे खाते ही आपको मानो परम आनंद की प्राप्ति हो जाती है। पर इन सभी जी ललचाने वाले व्यंजनों को खाने के चक्कर में आप इस दिवाली पर सेहत से कोई समझौता न करें।
तो आइये अब बात करते है की दिवाली पर स्वादिष्ट मिठाई और भोजन का आनंद लेते हुए अपनी सेहत का ध्यान कैसे रखें? समझिये इनसे सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में? साथ ही सेहतमंद दिवाली मानाने के कुछ जरुरी सुझाव भी जानिए।
इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
दिवाली पर सेहत क्यों ख़राब होती है?
दिवाली का अवसर हो और लोगों से मिलने उनके घर न जाएं? भाई ऐसा तो हो नहीं सकता। क्योंकि अक्सर हम दीपावली की शुभकामनायें और बधाई देने एक दूसरे के घर अवश्य जाते है। और जब हम जा ही रहे है तो खाली हाथ तो जायेंगे नहीं? इसलिए सामान्य तौर पर हम मिठाई का डिब्बा या अन्य खाद्य सामग्री ले जाते है। साथ ही जब आप किसी के घर मेहमान बनकर आये हों, तो वह भी आपके लिए तरह-तरह के पकवान तैयार रखता है।
जिससे की दिवाली के मौके पर लजीज व्यंजनों के चटखारों के साथ बातों का सिलसिला भी जारी रहे, और आनंद भी दोगुना हो जाये। यही दीपावली या अन्य किसी भी त्यौहार पर सेहत ख़राब होने की यही सबसे बड़ी वजह है। क्योंकि जब हम लोगों से मिलने उनके घर जाते है। तो अक्सर कई तरह के भोजन देखकर उन्हें खाने से खुद को रोक नहीं पाते है, और यही सिलसिला हर मित्र या रिश्तेदार के घर जाने पर चलता ही रहता है।
इसके साथ ही जब आपका पेट भर जाता है। फिर भी लोगों के जिद करने पर आपको थोड़ा बहुत खाना ही पड़ता है। क्योंकि परंपरा अनुसार हम मेहमान को बिना कुछ खाये नहीं जाने देते है। इसी वजह से आप जरुरत से ज्यादा ही खा लेते है, और फिर सेहत ख़राब होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है।
दिवाली पर सेहत ख़राब होने के साथ निम्न तकलीफों का सामना भी करना पड़ सकता है –
- आपके पेट में बहुत दर्द होना
- भोजन न पचने से अपचन होना
- जी मिचलाना या उल्टी होना
- पेट में ऐंठन या मरोड़ होना
- सिर घूमना अथवा चक्कर आना
- बदहजमी या दस्त हो जाना
- आपके सिर में दर्द होना
- बहुत असहज महसूस करना
- सांस लेने में तकलीफ होना
दिवाली पर सेहत ख़राब करने वाले तत्व
त्योहारों का मौसम आते ही मिठाइयों की दुकानों में तो मानो रौनक ही आ जाती है। फिर चाहे वह होली हो अथवा दिवाली, हम सभी अपना समय बचाने के लिए बाजारों से मिठाई खरीदने के लिए निकल पड़ते है। ऐसे में इन मिठाइयों के दूकानदार भी बाजार की मांग आपूर्ति को पूरा करने के लिए कुछ दिन पहले से ही कई प्रकार की मिठाइयां बनाना शुरू कर देते है।
जिससे की दीपावली के दिन उन्हें सुगमता से बेचा जा सके और माल की आपूर्ति करने में किसी भी प्रकार की कमी न हो। ताज़ा न होने के कारण दीपावली का पर्व आते-आते यह स्वीट्स ख़राब होने लगते है। ऐसे में अपने व्यवसाय में अधिक मुनाफा बनाने के लिए आपकी सेहत से समझौता करने में यह दूकानदार जरा भी नहीं हिचकते है। और आपको त्यौहार के दिन बासी मिठाइयां बेचने के लिए उन्हें तरह-तरह के इत्र, केवड़े, कैमिकल, और काजू, बादाम, पिस्ता जैसे मेवों से सजाते है।
इन बासी मिठाइयों को खाने से आपकी सेहत को नुकसान पहुँच सकता है। त्यौहार पर बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ लोग नकली खोये, दूध, घी, आदि से निर्मित नकली मिठाइयां भी बेचने में पीछे नहीं हटते है। यह मिलावट वाली मिठाई खाने से आपको कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती है।
निम्नलिखित तत्व या खाद्य पदार्थ आपकी सेहत बिगाड़ सकते है –
- रंग बिरंगी सजावटी मिठाई
- सस्ते नकली चीनी के उत्पाद
- अधिक महक वाली मिठाई
- बासी और पुरानी मिठाइयां
- मिलावटी और हानिकारक
- कैमिकल युक्त खाद्य पदार्थ
- नकली दूध, घी, खोया, पनीर
- अधिक चिकनाई युक्त भोजन
- तला-भुना, मसालेदार खाना
दिवाली पर सेहत की देखभाल कैसे करें?
दिवाली पर सेहत कैसे ठीक रखी जाए? और स्वास्थ्य की देखभाल कैसे करें? यह तो आप पर ही निर्भर करता है। क्योंकि यदि आप खाएंगे तो पछतायेंगे? और नहीं खाएंगे तो ललचायेंगे? पर अगर आप सोच समझ कर खाएंगे तभी स्वस्थ रह पाएंगे। जी हाँ, इसलिए यह बेहद जरुरी है की आप दीपावली के उत्साह में कुछ भी ऐसा न खाएं, जिससे की आपको बाद में तकलीफों का सामना करना पड़े।
जिससे न चाहते हुए भी आपको दिवाली किसी डॉक्टर के क्लिनिक या अस्पताल में गुजारनी पड़े। आप क्या खाते है? कैसे खाते है? और कितना खाते है? इन्ही बातों पर आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य की बागडोर टिकी रहती है। सेहत की देखभाल करने के लिए और पर्व का पूरा आनंद लेने के लिए थोड़ी समझदारी भी जरूरी है।
इसलिए आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थों से तो दूर ही रहें। और आप जो भी खा रहे है? उससे आपके शरीर को क्या फायदे और नुक्सान होंगे? इसकी जानकारी अवश्य रखें। आप चाहें तो अपने शरीर की जरुरत के अनुसार क्या और कितना खाना है? उसकी सूची बना सकते है।
दिवाली पर सेहत के साथ अतिथि सत्कार?
दिवाली पर सेहत का ख्याल रखते हुए घर आने वाले लोगों की मेहमान नवाजी अथवा अतिथियों का स्वागत कैसे करे? यह भी एक समस्या होती है। क्योंकि हमारी परंपरा के अनुसार हम बिना खिलाये तो किसी गेस्ट को जाने नहीं दे सकते है, और ऐसी खाद्य सामग्री उनके सामने रखने से भी कोई फायदा नहीं जिन्हे देखकर ही वो खाना ही पसंद न करें।
बाजार से लायी गयी सस्ती और रंगबिरंगी मिठाई देखने में भले ही अच्छी और आकर्षक लगे पर यह खाने के बाद तकलीफ ही देती है। इसलिए बेहतर होगा की बाजार से लायी गयी ढेर सारी मिठाइयों को किसी अतिथि को पेश करने से अच्छा है, की आप उन्हें थोड़ा खिलाएं पर कुछ हेल्दी खिलाएं।
यदि आपको दीपावली की तैयारियों के साथ इतना समय नहीं मिल रहा है की आप घर पर ही कई अलग तरह के पकवान और मीठा बनाये? और बाजार से मिठाई लाना आपकी मजबूरी बन जाये? तो फिर आपको इन फ़ूड आइटम्स को बाजार से खरीदते समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए।
निम्नलिखित सुझावों से आप मेहमानो के स्वागत और सेहत दोनों का ख़याल रख सकते है –
- रंग बिरंगी और अधिक खुशबूदार मिठाई न लें।
- मिठाई लेने से पहले उसे थोड़ा चख जरूर लें।
- इससे उसके स्वाद और ताजगी का पता चलेगा।
- आप मेहमान के सामने ढेर सारा मीठा मत रखें।
- आप मीठे और नमकीन पकवान को बराबर रखें।
- अधिक तला भुना और तेलीय भोजन नहीं बनायें।
- यदि हो सके तो पहले से पूछ कर भोजन बनायें।
- पक्के खाने के साथ कच्चे खाने का विकल्प भी दें।
- अथिति की पसंद पर सादा भोजन भी दे सकते है।
- ज्यादा मिठाई की जगह सूखे मेवे भी रख सकते है।
- ड्राई फ्रूट्स देखने में बेहतर और हेल्दी भी होते है।
- आप चाहें तो ताजे फलों की चाट भी रख सकते है।
दिवाली पर सेहतमंद रहने के लिए क्या करें?
दीपावली या अन्य किसी भी बड़े त्यौहार पर हमारी दैनिक दिनचर्या पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाती है। जिसकी वजह, त्यौहार के अवसर पर होने वाली तैयारियां और खरीदारी में व्यतीत होने वाला कीमती समय है। साथ ही और मेहमानों के आवभगत के लिए तरह-तरह के पकवान बनाने, और घर को बेहतर दिखाने के लिए की जाने वाली अतिरिक्त साफ-सफाई और सजावट भी कुछ कम समय नहीं लेती है।
ऐसे में आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने का मौका ही नहीं मिलता है। क्योंकि हम सभी यह सोचते है की भाई दिवाली के पर्व पर भी हम अपनी दिनचर्या से समय नहीं निकालेंगे? तो त्यौहार का आनंद कैसे लेंगे?
हालाँकि यह बात भी बिलकुल सही है क्योंकि दीपावली भी साल में एक बार ही तो आती है। पर उत्सव के उत्साह में अपनी दिनचर्या से समझौता करना भी कहाँ की समझदारी है? ऐसे में आपको क्या करना चाहिए? की आपके अनमोल पर्व के जशन में भी कमी न आये और खुद को सेहतमंद भी रखा जा सकें?
तो चलिए जानते है दीपावली पर सेहतमंद रहने का उपाय –
- त्यौहार पर न चाहते हुए भी भोजन अधिक हो ही जाता है।
- इसलिए अपनी दिनचर्या में योग अभ्यास को जरूर रखें।
- आपको प्रतिदिन एक्ससरसाइज करना बेहद जरुरी है।
- क्योंकि बहुत अधिक कैलोरी लेने से मोटापा हो सकता है।
- समय की कमी है तो फिर आप हल्की एक्ससरसाइज करें।
- यदि सुबह दौड़ने न जा पाएं तो शाम को पैदल जरूर चलें।
- भोजन जल्दी पचाने वाले योग (जैसे वज्रासन) जरूर करें।
- भोजन को एकसाथ न लें आराम से थोड़ा-थोड़ा ही खाएं।
दीपावली के दौरान खानपान में सावधानियां
बहुत से लोगों का मानना होता है की मनुष्य इतनी मेहनत क्यों करता है? अरे भाई बेहतर खाने के लिए और क्या? तो फिर जब अच्छा खाने का मौका मिले तो उसे क्यों गवाया जाये? हालाँकि यह बात तो सच है की यदि मानव को भूख न लगती तो वह शायद कोई काम ही नहीं करता।
लेकिन लज़ीज पकवानों और मिठाई को देखकर उन पर टूट पड़ना भी कहाँ की समझदारी है? जिससे की आपको बाद में तकलीफ का सामना ही करना पड़े। क्योंकि यह भी सच है की अति हर चीज़ की बुरी ही होती है। इसलिए यह भी जरुरी है की आप जब खाएं तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।
जिससे आपको दिवाली पर सेहत बिगड़ने जैसी किसी परेशानी से दो-चार न होना पड़े। और आपकी दीपावली अपने परिवार, रिश्तेदार, मित्रों, और सहकर्मियों के साथ पूरे हर्ष उल्लास के साथ ही गुजरे, किसी डॉक्टर के साथ नहीं। चूँकि त्यौहार पर खानपान के दौरान कुछ समझदारी रखने से आप बहुत सी तकलीफों से बच सकते है।
इसलिए नीचे दिए आवश्यक तथ्यों को ध्यान से समझे और उनका पालन करें –
- अपने सामने मिठाइयां देखकर उनपर टूट न पड़ें।
- सिर्फ मिठाइयों से ही अपना पेट बिलकुल न भरें।
- यदि आप मधुमेह के मरीज़ है तो मीठा न ही खाएं।
- बेहतर होगा आप घर में ही शुगर फ्री मीठा बनवाएं।
- शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए जाँच करें।
- किसी के घर जा रहे है तो थोड़ा खा कर ही निकले।
- किसी एक व्यक्ति के घर पर ही पूरा पेट न भर लें।
- सभी के घर पर थोड़ा सा ही खाने की कोशिश करें।
- अधिक तला-भुना, चिकनाई युक्त भोजन कम खाएं।
- यदि हो सके तो पूरी, परांठे की जगह रोटी बनवा लें।
- भोजन को जल्दी पचाने के लिए नींबू पानी जरूर लें।
- दीपावली के बाद एक हफ्ते तक मिठाई न ही खाएं।
दिवाली पर सेहत बेहतर रखने के टिप्स
दिवाली का मौका हो या फिर कोई अन्य त्यौहार अपने सामने बढ़िया, स्वादिष्ट, और जायकेदार खाने पीने की चीज़ों को देखकर सभी का मन ललचा ही जाता है। और न चाहते हुए भी आप जरुरत से ज्यादा खा ही लेते है। साथ ही एक दूसरे के घर मिलने के लिए जाते समय आप अक्सर मिठाइयों का डिब्बा ही लेकर जाते है।
जिससे दिवाली के हफ्ते भर बाद भी जरुरत से ज्यादा कैलोरी लेना आपकी मजबूरी बन जाती है। क्योंकि मिठाइयां जल्दी ख़राब होने लगती है। इसलिए उन्हें फेकने से बेहतर आप खाना पसंद करते है। जिससे दिवाली के पटाखों की तरह ही आपके डाइट प्लान की भी धज्जियाँ उड़ जाती है।
इस साल ऐसा बिलकुल भी न हो इसलिए हम आपको बताने जा रहें है कुछ जरुरी सुझाव, जिनकी सहायता से आप इस दिवाली अपनी सेहत को बेहतर रखने में कामयाब हो सकते है। तो चलिए जानते है की यह सुझाव क्या है? जिनसे आप अपनी दीपावली की खुशियों में स्वाद का तड़का लगा सकते है। यह टिप्स निम्नलिखित है –
1. छोटा टुकड़ा लें
अक्सर हम अपने सामने अपनी पसंदीदा मिठाई को देखकर रुक नहीं पाते और पूरा पीस उठाकर खा जाते है। अगर आप भी ऐसा ही करते है? तो अब से न करें, बेहतर होगा की आप मिठाई का एक छोटा सा अथवा आधा टुकड़ा ही खाएं। जिससे आप स्वाद लेने के साथ सेहतमंद भी रहें। क्योंकि भाई अभी दूसरों के घर पर भी तो मिठाई खाना है न?
2. कुछ बेहतर चुने
यदि आपके सामने मिठाई की बहुत सारी किस्में रखीं है और आप परेशान है की क्या-क्या खाऊं? तो बेहतर होगा की आप उस मिठाई को चुने जो की दूसरों से बेहतर हो, नहीं समझे? जैसे की आपके सामने गुलाब जामुन, देसी घी का हलवा, खोये की बर्फी, रसमलाई, और रसगुल्ला रखा है। तो यह बेहतर होगा की आप रसगुल्ला या रसमलाई चुने।
3. एक साथ न खाएं
अक्सर ऐसा होता है की हम किस एक व्यक्ति के घर पर जाते है और वहां पर पेट भर कर खा लेते है। पर अन्य लोगों के घर जाने पर और उनके जिद करने पर हमें वहां भी खाना ही पड़ता है। इसलिए बेहतर होगा की आपको कितने लोगों के पास जाना है? इस बात को ध्यान में रखकर सबके घर पर थोड़ा-थोड़ा ही खाएं।
4. तरल पदार्थ भी लें
अरे भाई लजीज पकवान खाते-खाते अक्सर हम पानी पीना भी भूल जाते है। जिससे बाद में आपके पेट में पानी के लिए भी जगह नहीं बचती है। वैसे तो यह बिलकुल गलत है, क्योंकि शरीर में पानी की कमी से कई समस्या हो सकती है। इसलिए आप पानी या अन्य तरल जैसे – छाछ, निम्बू पानी जरूर पियें। जिससे आप जरुरत से ज्यादा खाने से बचेंगे और भोजन भी जल्दी पच जायेगा। पर मीठे तरल जैसे कोल्डड्रिंक्स, शरबत, चाय, कॉफी न पियें, अथवा कम पियें।
5. ले जाएँ कुछ खास
दीपावली पर जब किसी के घर मिलने के लिए जाएँ तो हर बार मिठाई ही मत ले जाएँ। क्योंकि त्यौहार पर सबके घर में मीठा बनता ही है। ऐसे में आपके पैसे भी बर्बाद होते है, और सेहत भी। इससे अच्छा होगा की आप कुछ प्रकार के फलों की टोकरी या ड्राई फ्रूट्स का डिब्बा लेकर जाएँ। यह देखने में बेहतर भी लगेगा और सेहत भी ठीक रहेगी।
6. व्यायाम भी जरुरी
चूँकि दिवाली के या अन्य किसी भी पर्व पर हमारी डाइट जरुरत से ज्यादा होती है। तो फिर उससे मिलने वाली कैलोरी को तोडना भी जरुरी है। इसलिए दीपावली या अन्य पर्वों पर अपने व्यायाम को त्यागें नहीं। बहुत अधिक न सही पर कुछ जरुरी अभ्यास करें, जैसे की पैदल चलना, साईकिल चलना, योग आदि।
निष्कर्ष व परिणाम
दीपावली रौशनी का त्यौहार है इस दिन हम सभी अपने घरों में भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना कर दीए जलाकर अपने घरों को सजाते है। फिर बारी आती है, अलग-अलग किस्म की मिठाइयों और खाद्य पदार्थों को खाने की, और पटाखे जलाने की, पर यह बेहद जरुरी है, की दिवाली के उत्साह के साथ ही आप अपनी सेहत का और पर्यावरण का ख्याल भी रखें। खान पान का विशेष ध्यान रखें, और ग्रीन पटाखे ही जलाएं। साथ ही सुरक्षित दिवाली मानाने के लिए पटाखे जलाते समय सावधानी रखें। जिससे की पटाखों से बहरापन अथवा बम गोलों से कान सुन्न होने जैसी घटनाएं न हों। इस दिवाली सुरक्षित रहें स्वस्थ रहें।