दिवाली का अवसर आये और पटाखों का जिक्र न हो? भाई ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। चूँकि हम बहुत सी प्रचलित कहानियों और अवधारणाओं के अंतर्गत दीपावली के इस पावन त्यौहार को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मानते है। इसलिए जीत का जश्न मानाने के लिए दिवाली पर पटाखे चलाना तो बनता है।
बात जब आतिशबाजियों की आये तब हर किसी का मन उत्साह से भर जाता है। जिसमें सबसे आगे होते है बच्चे, जी हाँ, बच्चों को दीपावली मनाना बहुत अधिक पसंद होता है। पर उन्हें इससे जुडी सावधानियों का पता नहीं होता है। इसलिए पटाखे जलाते वक्त लापरवाही से उनके कान सुन्न हो सकते है, और अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
तो आइये आज हम बात करते है की दिवाली पर पटाखे जलाते समय कान सुन्न होने से कैसे रोका जाये? इससे सेहत को क्या नुकसान है? कौन से पटाखे कैसे फोड़ने चाहिए? तथा सेहतमंद दिवाली मानाने के लिए क्या सावधानी बरते?
इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
दिवाली पर पटाखे से कान सुन्न होना
अक्सर ऐसा देखा जाता है की दीपावली के समय चारों तरफ पटाखों से घिरे होने के कारण आपके आसपास कभी भी कोई भी बम या अतिशबाजी फट सकती है। अथवा कभी-कभी पास से कोई पटाखा या बम आदि चलाने पर वह उम्मीद से पहले ही चल जाता है, और आपको वहां से भागने का मौका नहीं मिलता है।
ऐसे में आपके अधिक पास इनके फटने से इसका सीधा असर आपके कान पर पड़ता है। जिससे तुरंत कान सुन्न पड़ जाते है, और कुछ समय तक आपको दोनों कानो से या किसी एक कान से सुनाई न देने जैसी समस्या हो सकती है। सभी पटाखे जोरदार शोर नहीं करते है पर कुछ पटाखों से ध्वनि प्रदुषण बहुत अधिक होता है।
इनसे निकलने वाला यह तेज़ शोर मनुष्य की सुनने की क्षमता से कहीं अधिक होता है। इसलिए पटाखों से बहरापन होने की सम्भावना बढ़ जाती है। क्योंकि सामान्य व्यक्ति 65 डेसीबल तक ध्वनि बर्दाश्त कर सकता है। जबकि कुछ आतिशबाजियां तो 200 डीबी तक की आवाज निकालती है।
क्रैकर्स से आपके कानों को और क्या-क्या हानि हो सकती है? जानिए –
- कान का पर्दा फटना
- कान की नस में क्षति
- कान में भारीपन होना
- कान में तेज़ दर्द होना
- कान में घंटियां बजना
- टिनिटस हो जाना
- सुनने में समस्या होना
- अस्थायी श्रवण हानि
- संवेदी बहरापन होना
- कान से खून आना
दिवाली पर पटाखे से सेहत को नुकसान
पटाखों को जलाने में जितना आनंद आता है? यह बाद में उतना ही ज्यादा नुक्सान करते है। क्योंकि आतिशबाजियों को बनाने के लिए इनमे तरह तरह के कैमिकल्स (रसायन) और हानिकारक तत्व मिलाये जाते है। जो की जलने पर रंगबिरंगी रोशनियां प्रदान करते है, और तेज़ आवाज निकालते है।
इसके अतिरिक्त पटाखों में पाए जाने वाले इन तत्वों के जलने पर गहरा धुआं और जहरीली गैसें भी निकलती है। जो की आपकी सेहत को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच सकती है। इसलिए दिवाली में अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए पटाखों को ध्यान से चुने।
पटाखों से सेहत को निम्नलिखित हानि पहुँच सकती है –
- एलर्जिक राइनाइटिस होना
- फेफड़ों में समस्याएं होना
- सांस से जुडी समस्या होना
- दमा या अस्थमा रोग होना
- दिल का दौरा (स्ट्रोक) पड़ना
- ह्रदय सम्बन्धी रोग होना
- आँखों में तकलीफ होना
- रक्त संचार में रूकावट
- गर्भवती महिला को हानि
- अचानक गर्भपात होना
- गर्भस्थ शिशु में श्रवणहानी
- जन्मजात बहरापन
दिवाली पर पटाखे जलाएं तो बरतें सावधानी
दिवाली के मस्ती और जोश में हम अक्सर बहुत ज्यादा उत्साहित हो जाते है जिससे कई गलतियां और लापरवाही होने की आशंका रहती है। आतिशबाजी जलाते समय सावधानी बरतना बहुत जरुरी है, अन्यथा जरा सी चूक से हादसा होने का खतरा सदा ही बना रहता है। इसलिए आज हम आपको कुछ जरुरी सुझाव दे रहे है।
निम्नलिखित सावधानी रखने से आप खतरों को काफी हद तक टाल सकते है –
- पटाखे जलाते समय अपने आसपास गतिविधियों का ध्यान रखें
- देखें की कहीं, कोई आपके निकट पटाखा तो नहीं जला रहा?
- किसी असावधान व्यक्ति के पास बम या आतिशबाजी न छोड़ें
- रॉकेट को किसी घर या व्यक्ति की तरफ रखकर न चलाएं
- फुलझड़ियों और अनार आदि को चलाने के बाद यूँ ही न फेंकें
- चकरी को चलाते समय उस के पास बम या पटाखा न फेंकें
- हाथ में रखकर या पकड़कर पटाखे बिकुल भी न जलाएं
- पटाखे जलाने के लिए दीये या मोमबत्ती का इस्तेमाल न करें
- आतिशबाजी के आसपास जलता दीपक या मोमबत्ती न रखें
दिवाली पर पटाखे फोड़ने का तरीका
दिवाली पर आतिशबाजियों से खेलना लगभग सभी को पसंद होता है। इनसे निकलने वाली आवाज और रोशनियाँ हमें बहुत भाती है। पर इन्हे जलाते समय हुई गलती आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए पटाखों को जलाने तरीका आपको आना चाहिए। जिससे की इनका आनंद लेते हुए सुरक्षित रहा जा सके।
सुरक्षित रूप से पटाखे छोड़ने (चलाने) का तरीका निम्नलिखित है –
- पटाखे हमेशा दूरी बनाकर ही फोड़ें
- पटाखा जलाने के लिए अगरबत्ती लें
- तेज़ आवाज वाले बम को खुले में चलाएं
- बड़े लोगों की निगरानी में पटाखे जलाएं
- पटाखे जलाने से पहले उसकी बत्ती छील लें
- फुलझड़ी जलने के बाद पानी में डाल दें
- अनार में दूर से किसी चीज़ से आग लगाएं
- चकरी जलाने से पहले उसकी बत्ती निकाल लें
दिवाली पर पटाखे छोड़ें ध्यान से
यदि आप दीपावली पर पटाखे चलाते समय थोड़ा ध्यान रखें तो आपको दिवाली का आनंद मिलने के साथ ही परेशानियों से बचने का लाभ भी प्राप्त होगा, और आपकी दिवाली हर साल की तरह ही यादगार रहेगी। अपने परिवार की सुरक्षा खुद आपकी जिम्मेदारी है। इसलिए अपनी दिवाली को आनंद से भरने के लिए सावधानियां जरुरी है।
इसलिए आपको निम्नलिखित तथ्यों का ध्यान रखना चाहिए –
- जल्दी जलने वाले पटाखों से सावधान रहें
- इन्हे जलाने के लिए इनकी बत्ती छील लें
- कपड़ों के पास फुलझड़ियां नहीं जलाएं
- रौशनी, और फुलझड़ी को खुद से दूर रखें
- पटाखे जलाते समय जूते चप्पल जरूर पहने
- ऐसे कपडे पहने जो जल्दी आग न पकड़ते हों
- रॉकेटों को हमेशा आसमान की तरफ जलाएं
- पटाखे को जलाकर किसी पर फेंकें नहीं नहीं
- पटाखे को ज्वलनशील पदार्थों से दूर ही रखें
- राकेट जमीन पर रखकर बिलकुल न चलायें
दिवाली पर किस तरह के पटाखे कैसे छोड़ें?
दिवाली पर आपको जलाने के लिए आतिशबाजियों की एक बहुत बड़ी और विस्तृत श्रंखला बाजार में मिल जाएगी। हर साल दिवाली पर नए नए किस्म के और बेहतर पटाखे आते ही रहते है जिनकी कोई कमी नहीं है। इसलिए इन सभी प्रकार के पटाखों की जो मूल किस्में है। उन्हें जलाने की सही प्रक्रिया आपको पता होनी चाहिए। इसलिए अब हम बात करते है की किस किस्म की आतिशबाजी को कैसे जलाना चाहिए?
विभिन्न प्रकार के पटाखे छोड़ने के तरीके निम्नलिखित है –
- रॉकेट को हमेशा सीधा रखकर किसी बोतल में चलना चाहिए।
- बम को चलाने के लिए उसकी बत्ती छील कर दूर से जलना चाहिए।
- चकरी को जल्दी जलाने के लिए रौशनी या फुलझड़ी का प्रयोग करें।
- फुलझड़ी को जल्दी जलाने के लिए रौशनी, फुलझड़ी या मोमबत्ती लें।
- अनार को जलाने के लिए आप फुलझड़ी अथवा रौशनी इस्तेमाल करें।
- पटाखा जलाने से पहले उसकी बत्ती थोड़ी साफ करके रोगन हटा दें।
- किसी भी पटाखे बम आदि को चलाने के लिए अगरबत्ती का प्रयोग करें।
कैसे मनाएं सेहतमंद व सुरक्षित दिवाली?
अपनी दिवाली को सुरक्षित रूप से मानाने के लिए और इस अवसर पर सेहत का ध्यान रखने के लिए आपको जागरूक रहना बहुत जरुरी है। अपने परिवार की सेहत को बेहतर रखने और सुरक्षापूर्वक दिवाली के पलों का आनंद लेने के लिए अच्छा खाएं और सेहत से जुडी सावधानियों पर भी गौर करें।
सेहतमंद दिवाली के लिए निम्नलिखित तथ्यों पर गौर करें –
- पटाखे जलाते समय पूरे बाहं के कपडे पहने।
- दिवाली पर कोशिश करें की सूती कपडे ही पहने।
- नंगे पैर रहकर कभी भी आतिशबाजी न चलाएं।
- कम शोर और धुंए वाले पटाखों को इस्तेमाल करें।
- शोर से बचने के लिए कान में ईयरप्लग लगाएं।
- धुंए से बचने के लिए कोई मास्क अवश्य पहने।
- पटाखे फोड़ने के बाद अपने हाथ जरूर धोये।
निष्कर्ष व परिणाम
दिवाली का त्यौहार हम सभी के लिए खुशियां लेकर आता है। इसलिए हमें भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए की यह खुशियां बरक़रार रहें, और इनमे किसी भी प्रकार की कोई परेशानी उत्पन्न न हो। इसके लिए बेहद जरूरी है की आप सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करें। दिवाली पर आतिशबाजी को ध्यान से चुने। बच्चों के साथ चलने के लिए कम शोर और धुंए वाले पटाखों का इस्तेमाल करें। स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें।