टिनिटस या कान का बजना एक सामान्य अवस्था है। जिसमे आपके कान में कई प्रकार की ध्वनियाँ सुनाई देती है। यह ध्वनियाँ टिनिटस के लक्षण कहलाती है। चूँकि यह आमतौर पर अंतः क्रियात्मक या आपके अंदर से आने वाली होती है। यह शोर निरंतर भी हो सकता है, या फिर कुछ समय के अंतराल पर रुक रुक कर भी हो सकता है।
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तो आइये अब बात करते है की टिनिटस के लक्षण क्या है? और यह कैसे आपको तकलीफ पहुंचा सकता है? साथ ही जानिए कैसे इन टिनिटस के लक्षण से राहत प्राप्त की जाये?
इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
कान बजने के लक्षण क्या है?
कान बजना या टिनिटस से पीड़ित व्यक्ति इन ध्वनियों को लगातार 24 घंटे तक भी सुनते हैं। लगातार सुनाई देने वाली यह आवाजें हमारी जीवनशैली को काफी प्रभावित करती हैं। जिसमे की लोग सोने में परेशानी, काम पर ध्यान केंद्रित न कर पाना, और अपने जीवन को खुलकर जीने में असमर्थता, तथा चिंता में वृद्धि जैसी परेशानियों का अनुभव करते है। यह पीड़ित व्यक्ति को अस्थायी रूप से प्रभावित करता है।
हालाँकि, कान में महसूस होने वाला यह शोर किसी बाहरी स्त्रोत से नहीं आता है। और यह समस्या ज्यादातर वयस्क लोगों में पायी जाती हैं। यदि आप इस समस्या के बारे में उचित जानकारी प्राप्त कर लें तो आपके लिए टिनिटस से राहत पाना भी आसान हो सकता है। इसके सभी प्रमुख निम्नलिखित हो सकते है –
- रिंगिंग – कान में घंटियां बजने का स्वर
- बज्ज – कान में भिनभिनाहट होना
- हरसिंग – कानो में हिस्स की ध्वनि होना
- चिर्पिंग – कानो में कुछ चरमराने की ध्वनि होना
- व्हिस्टलिंग – कानो में सीटी गूंजने की ध्वनि
- रोअरिंग – गर्जने जैसी ध्वनि सुनना
- क्लिकिंग – टिक-टिक करने की ध्वनि
हालाँकि टिनिटस में आपके कान में “रिंगिंग” (घंटियों का स्वर) सबसे आम लक्षण है।
टिनिटस के कुछ अन्य लक्षण
वैसे मैं आपको बता दूँ की यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन कुछ अन्य समस्याओं के चलते या कान की बीमारियों के लक्षण भी इसमें शामिल हैं। जैसे –
- कोलेस्टेटोमा
- कान का कैंसर
- “मेनिएयर” रोग
- कान का संक्रमण
- गर्भावस्था के दौरान
- कान के पास ट्यूमर
- कान में आघात होना
- कान से खून निकलना
- कान का मैल बढ़ जाना
- ध्वनि प्रदुषण के संपर्क में आना
- श्रवण-हानि (सुनने में समस्या)
टिनिटस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- टिनिटस आपके किसी एक कान या फिर दोनों कानो को अथवा आपके सिर को भी प्रभावित कर सकता है।
- कभी-कभी श्रवण-उत्तेजना (सुनने की सक्रियता) की अनुपस्थिति के कारण व्यक्ति के सिर के अंदर एक आभासीय ध्वनि सुनाई देती है।
- कभी-कभी ऊपरी श्वसन तंत्र की नलिका में संक्रमण के कारण भी टिनिटस विकसित हो सकता है, जैसे – सर्दी-जुक़ाम आदि।
- “न्यूरोफिजियोलॉजिकल टिनिटस” सबसे आम समस्या है, जो श्रवण-तंत्रिका तंत्र के भीतर ही पैदा होती है।
- उम्र बढ़ने से बहरापन या तेज़ शोर के कारण, आंतरिक कान की संवेदी कोशिकाओं को नुकसान पहुँचता है, जिससे टिनिटस होता है।
- सब्जेक्टिव टिनिटस: केवल इससे पीड़ित व्यक्ति इन ध्वनियों को सुन सकते हैं। यह समस्या बाहरी, मध्य या आंतरिक कान में होती है। यह मस्तिष्क के अन्य हिस्सों या आंतरिक कान की तंत्रिका को नुकसान पहुंचाने के कारण भी होता है। जो दिमाग को संकेत भेजती है।
- ऑब्जेक्टिव टिनिटस: इसमें, कभी-कभी डॉक्टर या अन्य व्यक्ति भी इस ध्वनि को सुनने में सक्षम होते हैं। जो आपके कान या मस्तिष्क से आती हैं। यदि वे ध्यान से सुनते हैं, या फिर किसी ख़ास उपकरण की सहायता लेते हैं।
- ओटोलरींगोलोजी: एक ओटोलरैंगोलोजिस्ट जो कान, नाक, और गले (ईएनटी) के इलाज और शल्य चिकित्सा में प्रशिक्षित व्यक्ति होता है, आपकी मदद कर सकता है। क्योंकि इसमें मरीज़ गंभीर उच्च रक्तचाप महसूस कर सकते हैं और सिरदर्द होना, मतली आना, बेचैनी होना, उल्टी आना और धुंधली दृष्टि का भी सामना कर सकते हैं।
- एकॉस्टिक (ध्वनिक) न्यूरोमा: यह एक कैंसरमुक्त और धीमी गति से बढ़ने वाला “ट्यूमर” (रक्त का थक्का बनना) है। जो आंतरिक कान की श्रवण-तंत्रिका में विकसित होता है।
टिनिटस से बचने के अभ्यास
आमतौर पर टिनिटस की समस्या से निपटने की लिए आपको ऐसे अभ्यास करने की सलाह दी जाती है जिनसे की आपके तनाव में कमी आये। क्योंकि तनाव को कम करके इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। क्योकि जब आप तनाव या चिंता में होते है तब आपका मस्तिष्क ऐसे रसायन छोड़ता है जो आपके कानो पर प्रभाव डालते है। इससे बचने के लिए निम्न अभ्यास है –
- भिन्न ध्वनियों की सहायता से चिकित्सा
- “कोपिंग स्किल्स” या कुछ लिखने की कला
इन बेहद प्रभावी तरीकों से टिनिटस की प्रतिक्रियाओ को कम किया जा सकता है।
टिनिटस के लक्षण रोकने हेतु जांच
श्रवण-मूल्यांकन (सुनने की क्षमता का परिक्षण) और कान बजने की समस्या के मूल्यांकन के लिए रोगियों को “ऑडियोलॉजिस्ट” (कान के विशेष डॉक्टर) के पास जाने की सलाह दी जाती है। यदि डॉक्टर को ऐसा कोई लक्षण दिखाई देंता है, तो टिनिटस की प्रतिक्रिया की रोकथाम करने में डॉक्टर सहायता करता है।
ऐसे मरीज, जो अत्यधिक डर का अनुभव और आत्मघाती प्रतिक्रियाएं करते है। या फिर वो जिनके लिए टिनिटस एक निराशाजनक समस्या है। उनको किसी पेशेवर मानसिक स्वास्थ्य जांचकर्ता द्वारा दिखाने की सलाह दी जाती है। यदि आपको अचानक सुनने की समस्या होती है। या फिर आपको किसी अन्य चिकित्सीय स्थिति पर संदेह है। तो आप एक “ऑटोलैरिंजोलॉजिस्ट” के पास इलाज के लिए जाये अथवा आपातकालीन देखभाल के लिए के लिए जाएँ।
निष्कर्ष व परिणाम
यदि आपको टिनिटस या कान में आभासीय ध्वनियाँ सुनाई देने की समस्या है। या फिर आपको किसी अन्य संबंधित मानसिक परिस्थितियों के लक्षण मिलते हैं। तो आप तुरंत किसी पेशेवर कान के डॉक्टर से मिलें। क्योकि ऐसी परिस्थितियों को नजरअंदाज करना बाद में होने वाली गंभीर समस्याओं का कारण बनता है। हालाँकि इनसे निपटने के लिए टिनिटस के घरेलु उपचार भी है। जो आपको टिनिटस से राहत दे सकते है। इसलिए उचित समय पर टिनिटस का इलाज करवाना बहुत जरुरी है। जिससे आप बेहतर सुने व स्वस्थ रहें।
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