संगीत सुनना हम सभी को पसंद है। पर हम में से अधिकांश लोगों को किसी संगीत कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कान में “रिंगिंग” (Ringing) का अनुभव होता है। या आपको फिर लंबे समय तक खड़े होने पर चक्कर आते है। हम में से कुछ लोग सिरदर्द के साथ-साथ कान में सूजन और शरीर का संतुलन बिगड़ने का अनुभव करते है। और कुछ लोग अपने कान के भारीपन महसूस करते हैं। क्या आप भी इन सभी लक्षणों का एक साथ अनुभव करते हैं? यदि हाँ, तो संभावना है कि आप मेनियर रोग का अनुभव कर रहे हैं।
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इस समस्या के निदान के दौरान Manier रोग और इसी तरह की अन्य स्थितियों के बीच अंतर करना बहुत जरुरी है। आप सभी की मदद करने के लिए, हमने इस गहन स्वास्थ्य मार्गदर्शिका को तैयार किया है। साथ ही इस विषय के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाली जानकारी दी गई है। जिनकी हम इस लेख में चर्चा करने वाले है।
इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
- 1. मेनियर रोग क्या है?
- 2. मेनियर रोग कैसे प्रभावित करता है?
- 3. मेनियर रोग का इतिहास व अनुसंधान
- 4. मेनिएर रोग के लक्षण
- 5. मेनियर रोग की रोकथाम के प्राकृतिक तरीके
- 6. मेनियर रोग का कारण
- 7. मेनिएर रोग की जांच-परिक्षण
- 8. मेनिएयर रोग के उपचार
- 9. मेनियर रोग के नॉन इनवेसिव उपचार
- 10. मध्य कान में इंजेक्शन का प्रयोग
- 11. मेनियर रोग के लिए नया उपचार
- 12. मेनियर रोग के लिए व्यायाम
- 13. शल्य चिकित्सा और इसकी प्रक्रियाये
- 14. मेनियर रोग आहार और पोषण
- 15. मेनियर रोग में जरुरी सावधानियाँ
- 16. निष्कर्ष व परिणाम
मेनियर रोग क्या है?
“मेनियर” (Manier) रोग संवेदी रूप से सुनने की समस्या के मुकाबले कम चर्चित कारण है। यह शोर प्रेरित श्रवण-हानि (ध्वनि प्रदुषण के कारण सुनने की समस्या) अथवा “प्रेस्बिस्किस” (Presbycusis) जरा-वधिरता व उम्र बढ़ने के कारण सुनने की समस्या होना के जितना प्रचलित नहीं है।
1 लाख में लगभग 1 से 200 लोगों में ही मेनियर की बीमारी के लक्षण पाए गए है। जो इस बीमारी के कुछ रूपों में लगभग 0.15 प्रतिशत आबादी के अनुरूप हैं। ये लक्षण सबसे अप्रिय हो सकते हैं, और यह कहना व्यावहारिक है, क्योंकि ये लक्षण सबसे भयानक हो सकते हैं।
कुछ लोगों में इसे छुटकारा पाने के लिए कान की पूरी “लबीरिंथएक्टोमी” (आंतरिक कान के लिबिरिंथ की शल्य चिकित्सा) का प्रयोग किया जाता हैं। इस कान की बिमारी का नाम फ्रांसीसी चिकित्सक “प्रोस्पर मेनिएर” के नाम पर रखा गया है।
जिन्होने 1800 के दशक में सबसे पहले “वर्टिगो” (सिर चकराना) और आंतरिक कान के बीच होने वाले सम्बन्ध को बताया था। मेनिएर रोग को “इडियोपैथिक एंडोलिम्फेटिक हाइड्रोप्स” (Idiopathic endolymphatic hydrops) या आंतरिक कान में द्रव के कारण उत्पन्न दबाव भी कहा जाता है।
यह एक आंतरिक कान की स्थिति है जो आपके शरीर के संतुलन और सुनने की शक्ति दोनों को प्रभावित करती है। आंतरिक कान में द्रव का निर्माण आपके कान में दबाव उत्पन्न करता है। आपके कान सुनने की क्षमता और शारीरिक संतुलन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
मेनियर रोग कैसे प्रभावित करता है?
दूसरे शब्दों में आप कह सकते हैं कि मेनियर की बीमारी (meniere रोग) आंतरिक कान में एक प्रकार का विकार है। जो ज्यादातर ऐसा होता है जिसमें आप सर का घूमना महसूस करेंगे, जिसे “वर्टिगो” (Vertigo) सर का चकराना के रूप में भी जाना जाता है।
कान में “रिंगिंग” होना या “टिनिटस” (कान का बजना), अंत में स्थायी रूप से सुनने में कमी, और ज्यादातर मामलों में कान में पूर्णताः भरापन (कान में भारीपन या बंद कान) अथवा दबाव की समस्या भी महसूस होती है। हालाँकि, यह आमतौर पर एक कान को प्रभावित करता है
लेकिन समय के साथ ही यह मेनियर के सिंड्रोम (Meniere’s Syndrome) से प्रभावित अधिकांश लोगों में दूसरे कान में भी विकसित हो जाता है। यह बीमारी किसी भी आयु वर्ग के लोगों में हो सकती है। हालाँकि यह 40 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्तियों में सबसे अधिक होती है।
प्रत्येक व्यक्ति द्वारा इस कान की बीमारी के लक्षण के साथ जीना एक प्रकार से किसी अदृश्य समस्या के साथ रहने जैसा है। क्योंकि कोई भी यह पुख्ता भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि पीड़ित व्यक्ति के अंदर इस समस्या के चलते क्या अनुभव हो रहा है।
मेनियर रोग का इतिहास व अनुसंधान
“नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन डेफनेस एंड अदर कम्युनिकेशन डिसऑर्डर” एनआईडीसीडी (NIDCD) के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 615,000 लोग मेनिएर की बीमारी से पीड़ित हैं। और, हर साल 45,000 से अधिक मामलों का निदान हो जाता है।
यह निष्कर्ष भी निकाला गया कि 68,00 से अधिक शोध-लेख मेनियार्स का रोग के बारे में हैं। जो पहली बार 1883 में “पबमेड” (PubMed) में प्रकाशित हुआ था। कुछ साल पहले, अमेरिकन हिअरिंग रिसर्च फाउंडेशन (American Hearing Research Foundation) “एएचआरएफ” (AHRF) में इस बीमारी पर एक शोध पाया गया था। और इस विषय में आगे और शोध करने की मांग है। इस बीमारी का नाम एक फ्रांसीसी चिकित्सक “प्रोस्पर मेनिएर” के नाम से है।
“प्रोस्पर मेनिएर” एक वैज्ञानिक भी थे जिन्होंने 1861 में पहली बार इस बीमारी के बारे में दुनिया को बताया था। वर्ष 1981 में, “ओटोलरींगोलॉजिस्ट” (कान व गले के विशेष डॉक्टर) के समूह ने मेनियर के समाज को पाया। और इस समाज का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक परिसंचरण और आंतरिक कान की बीमारी, तथा कान के संक्रमण का कारण बनने वाले अन्य सभी मामलों के रोगविषयक-अनुसंधान को बढ़ावा देना था।
मेनिएर रोग के लक्षण
ऐसा माना जाता है कि एक बार जब आप किसी बीमारी और उसके पीछे कारण के बारे में जानते हैं। तो यह जानना भी आसान होता है कि इसे कैसे रोका जाये। हालाँकि इस समस्या के लक्षणों से इस विकार का पूरा विवरण नहीं मिलता है।
यह समस्या घटना के पहले, उसके दौरान अथवा बीच के रूप में अलग-अलग समय में भिन्न होती है। यह लक्षण बीमारी के आखिरी चरणों के दौरान भी भिन्न होते हैं। वैसे तो यह समस्या सुनने के उतार चढ़ाव की कठिनाई के साथ ही शुरू होती है। और अंततः चक्कर आना और सिर चकराना जैसे लक्षणों तक पहुंच जाती है।
नीचे वर्णित सूची को चेतावनी के लक्षणों के सटीक क्रम के रूप में भी पेश किया जाता है। यदि ये लक्षण विशेष रूप से आपके ध्यान में हैं। तो आप इस बिमारी के हमले से पहले ही एक सुरक्षित स्थिति में जा सकते हैं। तथा प्रभावी ठंग से इस बिमारी से खुद का बचाव भी कर सकते है।
1. सिर चकराना
आपको चक्कर आना मेनियर बीमारी का मुख्य लक्षण है। और यह आमतौर पर विभिन्न बीमारियों और संक्रमणों के कारण होता है। यह आपके दैनिक जीवन को प्रभावित करने के लिए बहुत ही असुविधाजनक और कष्टप्रद लक्षण है।
2. जी मिचलाना या उलटी आना
यह भी मेनियर की बीमारी का एक और आम लक्षण है। जिसके अंतर्गत चक्कर आने के साथ, आप मतली भी महसूस कर सकते हैं। कुछ लक्षण आपको एक साथ चक्कर आना और मतली महसूस होना जैसे भी हो सकते हैं। क्योंकि इन लक्षणों को एक साथ एक समूह में जोड़कर “वर्टिगो” (Vertigo) के रूप में नामित किया जाता है।
3. बहरापन होना
इन लक्षणों मे सुनने की समस्या या बहरापन सबसे आम लक्षण हो सकती है। और साथ ही साथ यह मेनियर रोग के सबसे डरावने लक्षण भी हो सकते हैं। क्योंकि कान से कम सुनाई देने की स्थिति में आपका संपर्क बाहरी दुनिया से लगभग कट जाता है।
4. कान में रिंगिंग
यह मेनियर की बीमारी का एक और लक्षण है। जिसे टिनिटस भी कहा जाता है। इसमें आपको उस समस्या का अनुभव होता है जिसमें की आपके एक या दोनों कान आपको असहज रूप से, विचलित करते है। और आप विभिन्न आभासीय ध्वनियाँ अपने कान में महसूस करते हैं। इस मेनियर की बीमारी में कई लक्षण हो सकते हैं जैसे – टिनिटस, सर चकराना और प्रवाहकीय सुनने की हानि, या इन लक्षणों की विविधता का संयोजन भी हो सकता है।
5. दस्त होना
इस समस्या में जो लोग दस्त का अनुभव महसूस करते हैं, वे भी सिर चकराने का अनुभव करते हैं। जब आप मेनियर रोग के इन सभी प्रकार के लक्षणों से गुजर रहे हैं तो आपको “हाइड्रेटेड” (Hydrated) रहने या शरीर में जल की आपूर्ति करने की आवश्यकता है।
चूंकि “वर्टिगो” आपके लिए उल्टी का कारण बन सकता है, और इन लक्षणों के साथ दस्त का संयोजन आपको बेहद निर्जलित (शरीर में पानी की कमी) कर देगा, और यदि उचित समय पर अन्य सुधार नहीं किया जाता है। तो आपको होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा होती हैं।
6. ठंडा पसीना
जो व्यक्ति जी मिचलाना, चक्कर आना, उल्टी जैसे चरम लक्षणों से पहले ही पीड़ित हैं, वे ठंडे पसीने को भी अनुभव कर सकते हैं। यह होने वाले किसी भी अन्य लक्षणों की तुलना में आपको अधिक असहज महसूस कराता है। “वर्टिगो” के लिए प्रयोग होने वाली दवा इस रोग को कम करने में मदद कर सकती है।
7. मनोदशा में चरम परिवर्तन
आपकी मानसिक स्थिति में परिवर्तन, इस आंतरिक कान की समस्या का एक और लक्षण है। ऐसा देखा गया है की इस बीमारी से पीड़ित अधिकांश लोगों में चिड़चिड़ाहट, और क्रोध से उत्पन्न चिंता और भय के लिए, वे अपनी मनोदशा में अलग-अलग बदलाव होने का दावा करते है। हालाँकि, आपके मानसिक स्थिति में बदलाव के पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। इसलिए यह जरूरी नहीं है की वे सभी कारण मेनियर की बीमारी के लिए ही हों।
8. माइग्रेन होना
मेनियर की बीमारी का पता लगाने का एक बहुत ही आसान तरीका माइग्रेन (Migraine) आधासी या आधे सर में होने वाला दर्द है। आमतौर पर इस लक्षण को अनदेखा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह बहुत ही गंभीर सिरदर्द का कारण बनता है। और कई प्रकार के आहार और संभावित जीवनशैली भी माइग्रेन का कारण हैं।
ऐसा माना जाता है कि माइग्रेन भी आंतरिक कान में होने वाले नुक्सान का कारण हैं। “अमेरिकन हैरिंग रिसर्च फाउंडेशन” (American Harring Research Foundation) के अनुसार – ज्यादातर मामलों में जब लोग मेनियर रोग से पीड़ित होते हैं। तो वे माइग्रेन की समस्या से भी पीड़ित होते हैं।
हालाँकि, आनुवंशिक समस्या के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। इसका मतलब है कि यदि आपके परिवार का कोई भी सदस्य पहले से इस बीमारी से पीड़ित है। तो इसमें जोखिम यह है कि आप भी इस समस्या से प्रभावित हो सकते हैं।
9. मेनियर के कुछ अन्य लक्षण
इस बीमारी में होने वाले कुछ अतिरिक्त लक्षणों में आपको –
- शारीरिक संतुलन में अशांति महसूस होना
- अत्यधिक चक्कर आने का अनुभव होना
- आंतरिक कान में दबाव महसूस होना
- ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता अनुभव करना
- बेचैनी व असहजता की अस्पष्ट भावना
मेनियर रोग के शुरुआती चरण में होने वाले हमले के लक्षणों में शामिल हैं –
- सुनने की समस्या में उतार-चढ़ाव होना
- तीव्र या मंद स्तर की श्रवण-हानि होना
- पूर्णता या आभासी रूप से कान में कुछ भरा होने की भावना
- आवेग के साथ और हिंसक रूप से “वर्टिगो” (Vertigo) सर चकराना
हालाँकि, अक्सर इसमें निम्न लक्षणों को भी शामिल किया जाता है –
- मितली या उल्टी आना
- सिहरन महसूस होना
- दिल की अनियमित धड़कन
- धुंधली दृष्टि की समस्या
मेनियर बीमारी के प्रभावी हमलों के बीच आपको महसूस होने वाले लक्षणों में –
- चिंता, क्रोध, डर, महसूस होना
- भूख का अनुभव होना
- शब्दों की तलाश करने में परेशानी
- एकाग्रता में कठिनाई अनुभव करना
- थकावट का अनुभव करना
- अवसाद (निराशा) महसूस होना
- सोने में कठिनाई का अनुभव करना
- सिर में चक्कर आना या सिर घूमना
- आत्मविश्वास और आत्म-निर्भरता में कमी
- उल्टी आना और जी मिचलाना
- गर्दन में दर्द या कठोर-गर्दन
- ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता
- शारीरिक अस्थिरता या संतुलन बिगड़ना
मेनियर रोग की रोकथाम के प्राकृतिक तरीके
आप मेनियर रोग के प्राकृतिक उपचार के रूप में आप निम्नलिखित उपायों को प्रयोग कर सकते है –
1. तनाव को कम करें
अपने तनाव में कमी करने से आप मेनिएर के अधिकांश लक्षणों से छुटकारा पा सकते है। क्योंकि अधिक मानसिक दबाव या तनाव लेने से आप कुछ अन्य समस्याओं जैसे – दिल की समस्या, मोटापे, मधुमेह, तथा पाचन विकार इत्यादि से भी गुज़र सकते हैं।
2. ध्वनि और संगीत चिकित्सा
संगीत द्वारा चिकित्सा आपके आंतरिक कान में रक्त के प्रवाह में भी सुधार कर सकती है। और साथ ही तनाव को कम करती है जिससे आपके शरीर में आराम भी महसूस हो सकता है। इसमें कुछ विशेष प्रकार की ध्वनियों का प्रयोग किया जाता जो दिमाग को शांत करती है।
3. स्वसन अभ्यास
यदि आपको नींद न आने की समस्या है। तो आप साँस लेने का विशेष अभ्यास करें। साँस लेने और वापस छोड़ने की क्रिया पर नियंत्रण आपको राहत पहुचायेगा। क्योंकि यह दिमाग को शांत करता है और शरीर के सभी अंगों में जरुरी ऑक्सीजन पहुँचता है।
4. समूह द्वारा समर्थन
यह उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनका हाल ही में रोग-निदान (उपचार) किया गया हो, इसमें आपको “वेस्टिबुलर डिसऑर्डर एसोसिएशन” के माध्यम से एक सहायता समूह मिल जाता है। किसी भी बीमारी के लिए उस बीमारी से सम्बंधित किसी सहायता समुदाय से जुड़ना आवश्यक है। लेकिन विशेष रूप से उस व्यक्ति के लिए जिसके लक्षण इस स्थिति के रूप में कमजोर पड़ते हैं।
5. एक्यूपंक्चर
ज्यादातर मामलों में यह पाया गया है कि “एक्यूपंक्चर” (विशेष सुइयों द्वारा रोगो का उपचार करने की कला) वर्टिगो के लक्षणों को हल करने में मदद करता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह तरीका किस समस्या में प्रभावी रूप से काम करता है। साथ ही “एक्यूपंक्चर सत्र” (इलाज का समय) हर दूसरे दिन या सप्ताह में एक बार आयोजित किए जाते हैं। आपको पहले सत्र की शुरुआत में ही बहुत सुधार दिखायी देगा।
मेनियर रोग का कारण
वैज्ञानिक सिद्धांत अभी भी इस पर शोध कर रहे है, क्योंकि मेनियर रोग का कोई पुख्ता कारण अभी तक नहीं मिला है। यह स्थिति स्पष्ट नहीं है कि क्या यह कान के संक्रमण या आंतरिक कान में विषाणु संक्रमण से है? हालाँकि, एक बार यह सिद्धांत साबित हुआ था, कि इसका परिणाम कान में तरल पदार्थ की असामान्य मात्रा के कारण होता है।
लेकिन यह सिद्धांत स्पष्ट नहीं था, कि यह होने वाले प्रकरण का कारण हो सकता है। यह भी माना जाता है कि मेनियर की बीमारी आमतौर पर आंतरिक कान में बनने वाले तरल पदार्थ में दबाव के परिणामस्वरूप होती है। जिसे केवल “हाइड्रॉप” (Hydrop) के नाम से जाना जाता है।
मेनिएर रोग की जांच-परिक्षण
इस समस्या के निदान के लिए आपके कान में “टिनिटस” (कान का बजना) और बंद कान जैसी समस्या पहले से होनी चाहिए। क्योंकि मेनियर की बीमारी का इलाज इसके इतिहास पर गौर करने से किया जाता है। इस समस्या के निवारण के लिए, सुनने की समस्या या आंतरिक कान में अन्य असामान्यताओं की जाँच की जाती है।
जिसको देखने के लिए एक “ऑडियोग्राम” (सुनने की क्षमता परखने का परिक्षण) बहुत उपयोगी होता है। यदि वर्टिगो के प्रभाव के तुरंत बाद “ऑडिओग्राम” का उपयोग किया जाता है। तो यह परिक्षण बार-बार सहायक होता है, क्योंकि यह कम आवृत्ति वाली श्रवण-हानि की विशेषताएं है।
निम्नलिखित तथ्य मेनिएयर रोग के इलाज के लिए आवश्यक है –
- वर्टिगो के दो प्रकरण (घटना) एकसाथ होना
- प्रत्येक घटना स्थायी व 20 मिनट से अधिक होना
- लेकिन कोई भी प्रकरण 24 घंटों से अधिक नहीं होना
- श्रवण-परीक्षण द्वारा सुनने की समस्या की पुष्टि होना
- टिनिटस अथवा कान-भरने की समस्या का महसूस होना
- इन समस्याओं के अन्य ज्ञात कारणों का बहिष्कार होना
1. कान की जाँच
यदि आप सुनने की समस्या के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो श्रवण-परीक्षण, साथ ही “ऑडियोमेट्री” (श्रवणमिति) परिक्षण का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के परीक्षण में, डॉक्टर आप के कान में हेडफ़ोन लगाते है और आपके विभिन्न प्रकार की ध्वनियों के स्तर और तीव्रता को महसूस करने के लिए कहेंगे।
आपको यह संकेत करना (बताना) होगा कि आप कब ध्वनि सुन रहे हैं और कब नहीं? जिससे की चिकित्सक यह निर्णय ले सके कि आपको सुनने में समस्या है या नहीं? यह जांचने के लिए कि आप विभिन्न ध्वनियों के बीच अंतर बता सकते हैं या नहीं? आपकी सुनने की क्षमता का परीक्षण भी होगा।
इस प्रकार के परीक्षण में, आप “हेडफ़ोन” के माध्यम से कई शब्दों को सुनते हैं। और फिर आपने जो सुना है उसे दोहराना होगा। यह परिक्षण आपके डॉक्टर को बताएगा कि क्या आप किसी एक अथवा दोनों कानों में कम सुनाई देने की समस्या का अनुभव कर रहे हैं या नहीं?
2. संतुलन का परीक्षण
मेनियर रोग के लिए “बैलेंस टेस्ट” और “इलेक्ट्रोनिस्टागोग्राफी” तथा “ईएनजी” के परीक्षण का प्रयोग किया जाता है। मेनिएयर की बीमारी एक कान में संतुलन प्रतिक्रिया को कम कर देती है। इसीलिए आंतरिक कान के कार्य का परीक्षण करने के लिए संतुलन परीक्षण का उपयोग किया जा सकता है। यह कुछ परीक्षण है जो आंतरिक कान में क्रियान्वयन का मूल्यांकन करते है।
यह सभी जाँच परिक्षण निम्नलिखित है –
- “विदेवितागमोग्राफी” या “वीएनजी ” (VNG)
- “रोटरी-कुर्सी” (Rotary chair) परीक्षण
- “वेस्टिबुलर इवोक्ड मायोजेनिक पोटेंशियल” या “वीईएमपी” परीक्षण
- “पोस्टरोग्राफी” (Posturography) परीक्षण
- “वीडियो हेड इंपल्स टेस्ट” (वीएचआईटी)
3. अन्य परीक्षण
मेनियर की बीमारी जैसी समस्या रक्त परीक्षण (खून की जाँच) की मदद से और “एमआरआई” (MRI) जैसे “इमेजिंग टेस्ट” मशीनो द्वारा शरीर के हिस्सों की जांच करने के लिए किये जाते है। यह जाँच आपके मस्तिष्क या अन्य कई विकारों में “ट्यूमर” (खून का थक्का बनना) के बारे में भी बताती है।
मेनिएयर रोग के उपचार
इस असाध्य कान की बीमारी और इसके कारण होने वाली सुनने की समस्या का कोई इलाज नहीं है। लेकिन, कुछ दवाएं और उपचार मौजूद हैं। जिनका उपयोग वर्टिगो की समस्याओं को कम करने के लिए किया जाता है। वे वर्टिगो के दौरे को रोकने में मदद करते हैं। यह उपचार दो प्रकार के है उनमें से कुछ बीमारी की गंभीरता कम करते है।
और कुछ लंबी अवधि में प्रकरण की संख्या (दौरे) को कम करने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा, कुछ उपचारों का उद्देश्य प्रकरण को कम करने के साथ ही इस समस्या को कम करना है। इसके अलावा, आहार में परिवर्तन, आंतरिक कान में तरल पदार्थ को कम करता है। जिसके परिणामस्वरूप मेनियर रोग के लक्षण भी कम हो जाते हैं।
कुछ उपचार व अन्य उपाय इस प्रकार हैं –
आपका जी मिचलाना, अथवा सिर चकराना को कम करने के लिए मेनियर की घटना के दौरान निम्नलिखित दवा का उपयोग किया जा सकता है –
- “लोराज़ेपम” (Lorazepam) एटिवैन (Ativan)
- “डायजेपाम” (Diazepam) वैलियम (Valium)
- “मैक्लिजिन” (Mechlizin)
- “हाइड्रोक्लोराइड” (Hydrochloride)
- “जेंटामाइसिन” (Gentamycin) जैसी कुछ दवाएं हैं।
यह दवाएं लक्षणों को कम करने के लिए उपयोग की जाती हैं। यू.एस. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है, कि पानी के प्रतिधारण को नियंत्रित करने में मदद करने वाली दवा और साथ में कम सोडियम आहार, मेनियर रोग के लिए दीर्घकालिक उपचार है। इस उपचार के परिणामस्वरूप आंतरिक कान के तरल पदार्थ में कमी आती है।
आपको बस निम्न तथ्यों पर ध्यान देना है –
- कैफीन (चाय व कॉफ़ी में पाया जाने वाला हानिकारक तत्व) काम मात्रा में लें।
- कैफीन टिनिटस (कान बजने की समस्या) को और भी खराब कर सकता है।
- इसलिए आपको कैफीन का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
- वेस्टिबुलर पुनर्वास चिकित्सा (वीआरटी), इसके हमलों को रोकती है।
- और यह उत्पन्न असंतुलन को कम करने में मदद करता है।
- सर्जरी (शल्य चिकित्सा) भी उपचार के लिए एक विकल्प है।
- सर्जरी आपके आंतरिक कान में दबाव को कम कर देता है।
1. वर्टिगो के लिए दवाएं
एक “वर्टिगो” (सर चकराने की समस्या) के प्रकरण या दौरे के समय, आपका डॉक्टर इससे सम्बंधित दवाएं लिखता है जैसे –
- “मोशन” (Motion) बीमारी की दवाएं: जैसे – “मेक्लिज़िन” (Mechlizin) संवेदना को कम करती है, और उल्टी को कम महसूस कराती है।
- “एंटीबायोटिक” (Antibiotic) जीवाणुनाशक दवाएं: जैसे – “प्रोमेथाजीन” (Promethean) जो वर्टिगो के घटना के दौरान उल्टी को नियंत्रित करती है।
2. दवा विक्रेता से दवाएं लेना
डॉक्टर के सलाह के अलावा आप किसी दवा की दूकान से भी दवा ले सकते है। यह दवाएँ भी मेनियर रोग के लक्षणों के लिए उपयोग की जाती हैं। और आपको आसानी से किसी भी दवा वितरण केंद्र पर उपलब्ध हो जाती है।
3. लाभकारी दवाएं
मेनियर रोग और सिर चकराना के सामान्य प्रभाव – चक्कर आना, जी मिचलाना, और गति की बीमारी है। ऐसी कुछ दवाएँ हैं, जो इस लक्षण को कम करने में मदद कर सकती हैं –
- “एंटीनौसे” (Antinoyase) दवा, जैसे – “ड्रामामाइन” (Dramamine)
- “एंटीहिस्टामाइन” (Antihistamine) दवा जैसे – “बेनेड्रिल” (Benedrill)
4. हानिकारक दवाएँ
आपको ऐसी हानिकारक दवाओं का भी घ्यान दिया जाना चाहिए जो मेनिएयर रोग से जुड़े होते हैं, जैसे –
- “एंटासिड्स” (Antacids) जो दिल की धड़कन या अपचन (भोजन न पचना) से छुटकारा दिलाती है
- “एस्पिरिन” (Aspirin)
- “नॉनस्टेरॉइडल एंटी इंफ्लेमेटरी” (Nonsteroidal anti-inflammatory) दवाएँ
- (NSAIDs) जैसे – “इबुप्रोफेन” (Ibuprofen) “एडविल” (Advil), “मोटरीन” (Motrin) आदि
मेनियर रोग के नॉन इनवेसिव उपचार
मेनियर रोग से पीड़ित कुछ लोग “नॉन इनवेसिव” (Non invasive) या शरीर में किसी प्रकार का उपकरण न डालने सम्बन्धी उपचारों से लाभ प्राप्त कर सकते है, जैसे –
1. पुनर्वास (रेहाबिलिशन)
यदि आप वर्टिगो के प्रकरण या घटना के बीच संतुलन की समस्याओं से जूझ रहे हैं। तो “वेस्टिबुलर” (कर्ण-कोटर सम्बन्धी) पुनर्वास (रेहाबिलिशन) आपके संतुलन को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
2. कान की मशीन
मेनियर की बीमारी के कारण आपकी सुनने की समस्या में सुधार के लिए कान की मशीन का उपयोग किया जाता है। आपके डॉक्टर को यह चर्चा करने के लिए एक “ऑडियोलॉजिस्ट” (कान के विशेष डॉक्टर) की सलाह लेनी चाहिए। जिससे कि आपको पता चलेगा की आपके कानों के लिए कौन सी सुनने की मशीन उपयुक्त होनी चाहिए।
3. मेनिएर यंत्र
जैसा कि हम जानते हैं कि वर्टिगो समस्या का इलाज करना मुश्किल है। इसलिए इस चिकित्सा में कान में द्रव-विनिमय में सुधार के लिए मध्य कान में दबाव उत्पन्न करना शामिल है। “मेनिएर पल्स जनरेटर” नामक उपकरण एक “वेंटिलेशन ट्यूब” (वायु संचार नलिका) के माध्यम से कर्ण-नलिका के दबाव को सामान्य करता है।
मध्य कान में इंजेक्शन का प्रयोग
“वर्टिगो एपिसोड” (Vertigo episode) या सर चकराने की घटना को बेहतर बनाने के लिए कुछ दवाएं जैसे की – “जेंटामाइसिन” (Gentamycin), “स्टेरॉयड” (Steroids) आदि को आपके मध्य कान में इंजेक्शन के द्वारा डाला जाता है। और फिर यह आंतरिक कान में अवशोषित (सोख) कर लिया जाता है।
मेनियर रोग के लिए नया उपचार
मेनियर रोग के नए उपचार में ऊपरी गर्भाशय-ग्रीवा या रीढ़ की हड्डी शामिल है। 1999 में ऊपरी गर्भाशय-ग्रीवा “कैरोप्रैक्टर डॉ माइकल बर्कॉन” द्वारा की गई खोज है। इन्होने मेनियर की बीमारी वाली 3 महिला रोगियों के ऊपरी गर्भाशय क्षेत्र का इलाज किया।
उपचार के बाद, सभी ने मेनियर रोग द्वारा होने वाली, चक्कर आने की समस्या से मुक्त होने का दावा किया। मेनियर रोग के लिए दो नए उपचार जैसे – “ऊपरी गर्भाशय ग्रीवा रीढ़” और “ऊपरी गर्भाशय ग्रीवा कैरोलिकर” प्रशिक्षण की सलाह दी जाती है।
मेनियर रोग के लिए व्यायाम
कुछ प्रकार के खेल या पैदल चलने वाले अभ्यास शरीर के संतुलन में सुधार कर सकते हैं। सामान्य व्यक्ति की तुलना में मेनियर रोग के व्यक्ति के लिए कुछ निर्दिष्ट अभ्यास अलग-अलग हो सकते हैं। भौतिक चिकित्सक आपको सबसे अच्छे अभ्यास का सुझाव दे सकता है। जो की निम्न है –
- “वेस्टिबुलर” (Vestibular) आंख अभ्यास
- “सीटेड वेस्टिबुलर हेड एंड शोल्डर” (Seated Westbuller Head & Shoulder) अभ्यास
शल्य चिकित्सा और इसकी प्रक्रियाये
“सर्जरी” (Surgery) शल्य चिकित्सा का उपयोग तब किया जाता है जब सभी दवाएँ और उपचार विफल हो जाते हैं। क्योंकि यह आखिरी विकल्प बचता है। मेनियर रोग के निवारण के लिए इसमें कुछ प्रक्रियाएं शामिल हैं जो की निम्नलिखित है –
1. इंट्राट्यमपानिक स्टेरॉयड
मेनियरे की बीमारी का इलाज करने के लिए “स्टेरॉयड इंजेक्शन” (क्षमता बढ़ने वाले पदार्थ) सीधे आपके कान के परदे में अथवा “ग्रोमेट” की सहायता से आंतरिक कान में दिया जाता है। “स्टेरॉयड” दवा की कम सांद्रता पर होती हैं। जब इसे इंजेक्शन के द्वारा लिया जाता है, जो सीधे कान के परदे में उपयोग किया जाता है।
“जेंटामाइसिन” का उपयोग सुनने की हानि और चक्कर आना के प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है। और यह स्टेरॉयड जेंटामाइसिन के लिए एक लाभकरी बन जाते हैं। क्योंकि यह एक “एंटी इंफ्लेमेटरी” (सूजन को कम करने वाली) प्रकृति के रूप में काम करता है।
2. एंडोलिम्फैटिक सैक सर्जरी
यह सर्जरी “एंडोलिम्फैटिक सैक” (Endolymphatic Sac) अन्तःकर्णोदक थैली जो की आपके के भीतरी कान में होती है। एंडोलिम्फैटिक सैक के आस-पास के कान से हड्डी की एक छोटी मात्रा को हटा दिया जाता है, जिसका लक्ष्य “सैक” (थैली) में तरल पदार्थ के दबाव को कम करना होता है।
3. लबैरिन्थेक्टोमी
यह शल्य चिकित्सा आंतरिक कान की सुनने की क्षमता और “वेस्टिबुलर” (कर्ण कोटर सम्बन्धी) कार्यों, दोनों को नष्ट कर देती है। यह हड्डी की छोटी मात्रा को हटाकर या सभी “लेबिरिंथ” (भूलभुलैया) घुमावदार आंतरिक कान की संरचना को हटाकर की जाती है। अथवा यह भीतर के कान को खोलकर, उसके अंदर कुछ मुलायम ऊतकों को नष्ट करके भी कम किया जा सकता है।
4. वेस्टिबुलर न्यूरेक्टॉमी
इसके अंतर्गत प्रभावित रोगियों के सबसे गंभीर मामले मिलने पर यह आखिरी विकल्प होता है। यह प्रक्रिया मस्तिष्क से संतुलन-तंत्रिका (एक्विलिब्रियम नर्व) को काट देती है। जब एंडोलिम्फैटिक सैक सर्जरी विफल हो जाती है। पर सुनने की क्षमता को फिर भी सुधारा जा सकता हो तब “न्यूरोक्टॉमी” को विकल्प के रूप में लिया जाता है।
“न्यूरोक्टॉमी” एक प्रकार का आंतरिक कान की नसों सम्बन्धी उपचार है। हालाँकि “वेस्टिबुलर न्यूरोक्टॉमी” की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए, एक विशेषज्ञ मौजूद होना चाहिए। मस्तिष्क से तंत्रिका को काटना एक गंभीर खतरा भी हो सकता है। क्योंकि यह “श्रवण-तंत्रिका” और “संतुलन-तंत्रिका” को भी नुक्सान पहुंचा सकती है।
5. ग्रोमेट्स द्वारा इलाज
“ग्रोमेट्स” का एक और नाम “टैंपॉनोस्टोमी ट्यूब” भी है। मध्य कान की खाली जगह से हवा को निकालने के लिए ग्रोमेट को आंतरिक कान में डाला जाता है। हवा मध्य कान की खाली जगह में उपस्थित होनी चाहिए। क्योंकि यह नाक के पीछे “यूस्टेशियन ट्यूब” में जुड़ा हुआ है जो के दोनों और हवा के दवाब को सामान्य रखती है।
ऐसा माना जाता है कि इन दोनों प्रणालियों में दबाव अलग-अलग हो सकता है। और ग्रोमेट इस दबाव को बराबर करने में उचित सहायता देगा। ग्रोमेट्स का इस्तेमाल बच्चों में किया जाता है जब उनके कान में ऐसी बाधा उत्पन्न होती है। और मध्य कान के विकारों के लिए भी यह उपयोगी हो सकता है।
मेनियर रोग आहार और पोषण
इस समस्या के कारण, और साथ ही मेनियर रोग का इलाज, अभी तक ज्ञात नहीं है। इसलिए, सही उपचार जिसमें पूरक, आहार के साथ-साथ अन्य आहार भी शामिल है, इस स्थिति के सबसे कमजोर पहलुओं को नियंत्रित कर सकता है। यह मूल रूप से शरीर के तरल पदार्थ और रक्त प्रणाली पर निर्भर करता है।
इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पोषक तत्वों से युक्त आहार लेना चाहिए। जो निम्नलिखित सहायता प्रदान करते है –
- उन पदार्थों को खत्म करना जो शरीर के पानी को बनाए रखने का कारण बनते हैं
- शरीर में द्रव मात्रा को कम करने के लिए अधिक मूत्रवर्धक क्रिया में सहायता करना
- रक्त प्रवाह को सीमित करने वाले हानिकारक पदार्थों को सीमित या नष्ट करना
- ऐसे आहार और पदार्थों को सीमित करना जो मेनियर रोग के लक्षणों को और खराब करते हैं
आहार जो कि सुनने की समस्या में लेना चाहिए –
- तरल युक्त पदार्थ
- मूत्रवर्धक आहार
- सीमित नमक का प्रयोग
- सीमित कैफीन का प्रयोग
- तम्बाकू का प्रयोग न करें
- अल्कोहल की मात्रा सीमित करें
- संतुलित भोजन और तरल पदार्थों का सेवन
- ऐसे भोजन से बचें जिससे आपको एलर्जी है
- अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें
- डैंडिलियन चाय (विशेष पीले फूल वाले पौधे की पत्तियों की चाय)
मेनियर रोग में जरुरी सावधानियाँ
यह वह बीमारी है जो स्थायी सुनने की समस्या का कारण बन सकती है। पुरानी व लम्बे समय से चली आ रही थकान, तनाव, चिंता और अवसाद (निराशा) के कारण हो सकती है। भारी उपकरणों को चलाने अथवा प्रयोग के दौरान दुर्घटनाओं के कारण लगातार वर्टिगो भी हो सकता है। “ड्रॉप अटैक” (गंभीर या चरम) चक्कर आना (डिज़ीनेस) के साथ हो सकता है। जिसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य में गिरावट आती है। मेनियर रोग के लिए सावधानी बरतना अति आवश्यक है।
अचानक अटैक (दौरे) के समय जरुरी सावधानियाँ –
- सिर चकराने के लक्षणों का अनुभव करते समय नीचे लेटें या बैठें।
- अपने आसपास किसी वस्तु या व्यक्ति को पकड़ लें।
- स्वयं वाहन न चलाएं, किसी और वाहन की सवारी करें।
- सीढ़ियों पर या लकड़ी की सीढ़ी पर न चढ़ें।
- सिर चकराने के समय “एस्केलेटर” (स्वचालित सीढ़ियां) प्रयोग करें।
- एक प्रकरण के दौरान भारी मशीनरी या घरेलू सामान न चलाएं।
- आरी, इलेक्ट्रिक चाकू या अन्य संभावित खतरनाक उपकरण संचालित न करें।
निष्कर्ष व परिणाम
मेनियर का रोग बहुत से गंभीर लक्षणों का मिला जुला रूप है। यह समस्या आपको गंभीर कान की बिमारी के लक्षणों को प्रदर्शित करने पर हो सकती है इसलिए आप ऐसे किसी भी लक्षण के पाए जाने पर उसे हल्के में न लें। समस्या की उचित जांच और उपचार करवाएं। जेसे आप बेहतर सुने व स्वस्थ रहें।
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