टिनिटस (Tinnitus) का मतलब है कि आपको अपने कानों में आभासिया ध्वनियोँ का सुनाई देना, जैसे की – घंटियों का बजना आदि। हालाँकि हम स्वस्थ जीवन शैली का पालन करके, या कान में ध्वनियोँ को कम करने के लिए टिनिटस के घरेलू उपचार का उपयोग कर सकते है। इससे टिनिटस नियंत्रण या इन स्थितियों का इलाज कर ने में बहुत अधिक सहयत्र प्राप्त हो सकती हैं। आमतौर पर यह टिनिटस के इलाज के लिए सबसे सस्ता, सुरक्षित, और प्रभावी तरीका है।
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इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
टिनिटस के घरेलु उपचार क्यों?
टिनिटस की समस्या साधारण नहीं है। इसलिए इसके चिकित्सीय इलाज में भी बहुत खास उपकरणों की आवस्यकता होती है। यह सभी यह सभी उपकरण अत्यंत महंगे होते है। इसलिए इनके द्वारा टिनिटस के निदान में बहुत पैसा लगता है। यदि आप इस महंगे इलाज और जाँच का खर्च नहीं उठा सकते तब फिर आपको कान बजने की समस्या के साथ समझौता करना पड़ सकता है।
पर आपको यह जानकर ख़ुशी होगी की आपको महंगे इलाज के आभाव में टिनिटस के साथ जीने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि टिनिटस के घरेलु उपचार इसमें आपकी मदद कर सकते है। जी हाँ. बहुत ही आसान और साधारण विधियों द्वारा मामूली सी दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं आपको कान बजने की समस्या से राहत प्रदान कर सकती है।
अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करें
वैसे तो टिनिटस आपके एक या दोनों कानों में हो सकता है और सामान्यतः उम्र बढ़ने, सिर और गर्दन पर चोट लगने या कान की चोट के कारण, व जोरदार शोर सुनने से, श्वसन-संक्रमण से, कान के मैल के अधिक एकत्रित होने, खनिज और विटामिन की कमी, रक्तचाप, मधुमेह आदि की वजह से भी हो सकता है। पर टिनिटस उपचार (Tinnitus upchar) करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करना होगा। जिससे की आपको इस समस्या से निपटने में बहुत सहायता मिलेगी। साथ ही आपको इस समस्या के प्रभावी रूप से स्थायी इलाज के लिए नियमों का पालन करना चाहिए।
यदि आप निम्न बदलाव अपनी जीवनशैली में करते है तो आपको लाभ होगा –
1. चिड़चिड़ेपन से बचें
जो अवस्थाएं “टिनिटस” (कान का बजना) का कारण बनती है। या आपको परेशान करती है जैसे की –
- तेज़ संगीत सुनना
- जोरदार शोर के संपर्क में आना
- कैफीन (चाय और कॉफी) लेना
- निकोटीन (घूम्रपान) लेना
- रॉक (Rock)-संगीत कार्यक्रम में जाना
- भवन निर्माण क्षेत्र में जाना
साथ ही टिनिटस नियंत्रण (tinnitus niyantran) के लिए ऐसे अन्य शोर-युक्त वातावरण से भी दूर रहें।
2. तनाव का प्रबंधन करें
तनाव को नियंत्रित करने के लिए, तनावपूर्ण स्थितियों से बचें। जो की आपके टिनिटस (कान बजने की समस्या) को और अधिक पीड़ादायक बनाते हैं।
अपने तनाव को नियंत्रित करने के लिए –
- उपयोगी विश्राम चिकित्सा पद्धति का प्रोग करें
- बायोफीडबैक (Bio feedback) या ऐसी अन्य तकनीक का उपयोग करें
- बायोफीडबैक मशीनो द्वारा शरीर की क्रियाओ का अवलोकन किया जाता है
- शारीरिक व्यायाम को अपनाएं
- नियमित योग अभ्यास करें
जो की आपको इस समस्या में कुछ राहत देते है।
3. मादक पदार्थों का सेवन न करें
सामान्य रूप से मादक पदार्थों का सेवन करना आपके शरीर के साथ ही कानों की सेहत केलिए भी खतरनाक होता है। जिसके अंतर्गत अल्कोहल, तम्बाकू, सिगरेट, पान मसाला और इस प्रकार के अन्य पदार्थों को लेने से बचें। यह सभी आपके रक्तचाप को बढ़ाते हैं, या रक्त के प्रवाह में अधिक वृद्धि करते हैं।
टिनिटस के घरेलू उपचार क्या है?
टिनिटस का सफल इलाज (Tinnitus ka safal ilaaj) करने के लिए आपको अपनी आदतों में बदलाव के साथ ही टिनिटस का घरेलु उपाय (Tinnitus ka gharelu upaay) भी अपनाना चाहिए। यह सभी घरेलु उपचार (gharelu upchaar) आपको हर प्रकार से टिनिटस में लाभ पहुचायेंगे।
1. गिंकगो बिलोबा (Ginkgo Biloba)
शराब और अन्य प्रकार के मादक पदार्थों के सेवन से बचें जो रक्तचाप को बढ़ाते हैं, या रक्त के प्रवाह में अनावस्यक वृद्धि करते हैं। यह एक हर्बल दवा है जिसका उपयोग रक्त प्रवाह में वृद्धि के द्वारा स्मृति और आपकी सोच की तीव्रता बढ़ाने में मदद या सुधार करने के लिए किया जाता है। यह आपके कान में सुधार करता है और “रिंगिंग” (Ringing) घंटियों की ध्वनि की संवेदना को कम करता है। आप किसी भी हर्बल दवा विक्रेता से “टिनिटस” की समस्या का इलाज करने के लिए जिन्कगो बिलोबा प्राप्त कर सकते है। और साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि इसमें 24 से 32 प्रतिशत “फ्लैवोनोइड्स” (Flavonoids) और 6 से 12 प्रतिशत टेपेनोइड्स (Tepenoids) शामिल हैं या नहीं? मानक मात्रा 120 से 240 मिलीग्राम की खुराक में लें।
2. सेब का सिरका (Apple cider)
यह एक ज्वलनशील विरोधी उपचार है। जो टिनिटस के द्वारा उत्पन्न ज्वलनशील लक्षणों का इलाज करता है। आप पानी में शहद के साथ दो चम्मच सेब का सिरका मिला लें। और इस मिश्रण को दिन दो बार या तीन बार पीएं जब तक आपके कान में टिनिटस की ध्वनियाँ सुनाई देना बंद न हो जाए।
3. पवित्र तुलसी (Holy basil)
यह एक जीवाणुरोधी उपचार है जो जीवाणु संक्रमण के कारण होने वाले टिनिटस का इलाज करता है। यह उन बैक्टीरिया (Bacteria) जीवाणु को मारता है जो कान में संक्रमण का कारण बन सकते है। इसके लिए आप तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाएं उससे रस निकालें। और फिर मध्यम आंच पर तुलसी के पत्तो का ताज़ा रस उबालें। और फिर इस रस को दिन में दो बार, कम से कम तीन या चार दिनों तक प्रभावित कान में 2 से 3 बूंदें डालें।
4. प्याज (Onion)
एक प्याज से ताज़ा रस निकालें और इसे गर्म करें और फिर ठंडा होने के लिए छोड़ दे। कान के प्रभावित क्षेत्र में रस के 2 से 3 बूंद डालें और इसे चार-पांच मिनट के लिए छोड़ दें। टिनिटस की समस्या से जल्द राहत पाने के लिए एक सप्ताह में इस विधि को कई बार दोहराएं।
5. लहसुन (Garlic)
यह टिनिटस के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपचार है। यह जीवाणु-संक्रमण का इलाज करने या रक्त परिसंचरण (Blood circulation) को बढ़ाने के लिए प्रयुक्त होता है। यह अधिक ऊंचाई पर जाने या ठंडे तापमान के कारण होने वाली टिनिटस की समस्या का इलाज करने में मदद करता है। इसके लिए आप एक चम्मच तिल के तेल में दो लहसुन की कलियाँ डाल कर इस तेल को हल्का गर्म करें। और प्रभावित कान में इस तेल की दो से तीन बूंदें डाल दें।
6. अदरक (Ginger)
इसमें रोग हरने की विशेषता होती है। इसलिए यह दर्द को कम में मदद करता है। और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में भी मदद करता है। इसकी खास बात यह है की इसे आप अपनी पसंद के अनुसार ले सकते है जैसे की – चाय के साथ या फिर इसे ऐसे भी चबा सकते है। यह दोनों ही प्रकार से आपको फायदा पहुंचाएगा।
7. संतुलित आहार
अपने भोजन में जरुरी बदलाव करें, और उन भोज्य पदार्थों को शामिल करें जिनके सेवन से आपके कान की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़े। इसके लिए आप ऊपर बताये गए सभी तत्वों को किसी न किसी रूप में अपने भोजन में शामिल करें, क्योंकि इन तत्वों को वैसे भी आप बड़ी आसानी से अपने भोजन में शामिल कर संतुलित आहार के रूप में ग्रहण कर सकते है, साथ ही पर्याप्त नींद भी अवश्य लें।
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